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Vol:1- એકાંત/एकांत/Ekant_19: Shayri: "Fariyad"©

 Date: 11-Feb-2006, 03:10 am

हिचकिचाते हुए भी उस के आगे हम दिल को हल्का कर न सके,

पास की तो बात ही छोडो,उस के साथ जीवनपथ पे हम चल न सके!

अब जब  वक़्त आया तो सवाल करता हूँ तुज से ए  ख़ुदा ,

माँगा ही क्या था मैंने जो तुम इतना भी कर न सके?!



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