Images

Vol:1- એકાંત/एकांत/Ekant_8: Shayari: "कल-आज "©

कल जो सोची थी दुनिया , आज वो मेरे पास है,
कल जो चाही थी दौलत, आज वो मेरे पास है। 
कल जिसके ख़्वाब देखे, वो सुख -चैन आज मेरे पास है,
फिर भी सोचता हूँ ,
कल जो सोचा था 'कल', वो, वही 'आज' क्या मेरे पास हैं ?!

0 comments: