Someday in 2005
जैसे टूटे हुए पत्तो को वापस जोड़े नहीं जाते।
छूटे हुए तीर को वापस मोड नहीं जाते,
बीच रास्तेमे दामन छोड़े नहीं जाते,
जन्मो के बंधन वैसे तोड़े नहीं जाते !!
समजाना चाहते थे बहुत लेकिन,
कभी कहने को होंठ नहीं खुले।
बताना चाहते थे बहुत लेकिन ,
दिलके दर्द कभी अल्फ़ाज़ नहीं बने!
और अब जब याद आती है उनकी,
दिल जैसे धड़कना भूल जाता है,
ख्वाब तो बहुत रचाये इस मन ने पर,
वो कल्पनाएँ कभी शाम ए मेहफिल नहीं बने।
0 comments: